भाकृअनुप - केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान

ISO 9001 : 2008 प्रमाणित संस्थान

इस वर्ष पुस्तकालय में 228 नई पुस्तकें (83 हिन्दी पुस्तकों सहित) खरीद की गई जो नैनो तकनीक, कृषि, मृदा विज्ञान, औषधीय पौधे, सामान्य ज्ञान और इतिहास से सम्बन्धित है। पुस्तकालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के विभिन्न संस्थानों और अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों से 286 रिपोर्ट 41 रिप्रिंट और 36 विदेशी पत्रिकाएँ और 99 स्वदेशी पत्रिकाएँ मंगवाई जाती है। पुस्तकालय में अभी 22233 पुस्तकें और 56600 पत्रिकाओं के पुराने अंक, 5682 रिपोर्ट और 2184 रिप्रिंट है। पुस्तकालय द्वारा विशेषकर जोधपुर तथा सामान्यत भारत के अन्य प्रान्तों के विभिन्न शोध संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों को सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं। इस वर्ष 5275 पाठकों ने पुस्तकालय सेवाओं का उपयोग किया तथा 44387 अभिलखों का प्रयोग किया। पुस्तकालय में कुल सदस्य संख्या 166 (सदस्यता नवीनीकरण अनुसार) पहुँच गई है। पुस्तकालय में सीएबी-सीडी 1975 से 2011 की तथा इंडिया स्टटे ई-ईयर बुक 2012 के डाटा उपलब्ध है।
प्रदत्त सेवाएँ
प्रकाशनः ’’काजरी प्रकाशन द्वारा शुष्क क्षेत्र की जानकारी’’ - तीर्थ दास और कैलाश देथा (संदर्भसूची)।
आदान-प्रदान गतिविधियाँ 2488 पुस्तकें पाठको को जारी की गई और 2404 पुस्तकें जमा की गई। डाॅ. राहेजा पुस्तकालय में 19726 पुस्तकोें और पत्रिकाओं के पृष्ठांे की फोटोकाॅपी की गई। संस्थान के लगभग 900 प्रकाशन/रिप्रिंट विभिन्न संस्थाओं/संगठनों को एवं वैज्ञानिक तथा शोधकर्ताओं को आदान-प्रदान और मांग आधार पर दिये गये।
CeRA के अन्तर्गतः पुस्तकालय में शोध लेखों से सम्बन्धित 1100 पत्र भा.कृ.अनु. परिषद् संस्थानों एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्राप्त हुए जिनका प्रत्युत्तर दिया गया।
डाटाबेस को अद्यतन करनाः सीडीएस/आईएसआईएस 3.08 और विन आईएसआईएस 1.41 सोफ्टवेयर द्वारा पुस्तकालय स्वयं के डाटाबेस को लगातार अद्यतन करता है। डाटा बेस निम्नानुसार है।
बीआः रीप्रिंट रिकोर्ड
केटः समयावधि पत्रिकाओं की केटलाॅग
पुस्तकेंः पुस्तकालय में उपलब्ध पुरानी पुस्तके
नयाः पिछले चार वर्षाे में खरीदी गई नई पुस्तके
डेनः मरूस्थल से सम्बन्धित सांराश के साथ उपलब्ध सूचना
भा.कृ.अनु.परिषद्/संस्थानः भा.कृ.अनु.परिषद.संस्थान, राज्य कृषि विश्वविद्यालय, एनबी, पीडी

समाचार / घोषणाएँ