भाकृअनुप - केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान

ISO 9001 : 2008 प्रमाणित संस्थान

प्रमुख कार्यक्रम

  • एकीकृत भू-प्रयोग और कृषि पद्धति अनुसंधान
  • जल प्रयोग प्रभावकारिता बढ़ाने हेतु फव्वारा और बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति के प्रयोग द्वारा सिंचाई जल का सीमित प्रयोग
  • पशु अध्ययन, खाद्य और पानी की आवश्यकता, उन्नत चारागाह और वानिकी चारागाह पद्धति की वहन क्षमता

विषय विशेषज्ञता

  • कृषि वानिकी, शस्यविज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, उद्यानिकी, मृदा विज्ञान, पौध प्रजनन, पौध कार्यिकी

वर्तमान गतिविधियाँ

  • राजस्थान के पश्चिमी शुष्क क्षेत्र में स्थापित कृषि-वानिकीः- उद्यानिकी पद्धति में विभिन्न प्रबन्धकीय प्रक्रियाओं के अन्तर्गत सूक्ष्म सिंचाई पद्धति की उत्पादन संभाव्यता।
  • बीकानेर क्षेत्र में फसल-जल उत्पादकता सुधारने हेतु सीमित सिंचाई सारणी का विकास।
  • ग्वार में पानी की कमी की स्थिति में सेलिसिक एसिड और इसके संजात का कार्यिकी-जैव- रसायनिक और उपज पर प्रभाव।
  • सिंचित और अर्द्ध सिंचित क्षेत्र में कृषि वानिकी पद्धति में कार्बन विगलन की संभाव्यता।
  • इन्दिरा गांधी नहर क्षेत्रों में फसल और जल की उत्पादकता का सुधार (भा.कृ.अनु.परि.- इकारडा सहयोगी परियोजना 8)।
  • शुष्क क्षेत्र में सतत् आजीविका हेतु भूमि और जल की उत्पादकता में सुधार, सी.आर.पी.1.1 इकारडा।

समाचार / घोषणाएँ